अनंत चतुर्दशी 2025 का पर्व एक खास अवसर लेकर आ रहा है, जो न केवल भगवान विष्णु की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि का द्वार भी खोल सकता है। इस साल 6 सितंबर को जब अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी, तब दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं, जो आपके भाग्य को चमका सकते हैं। यह दिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है और इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। ऐसे शुभ अवसर पर पूजा विधि का सही पालन और दान देना बहुत फलदायक साबित होता है। जानते हैं कि कैसे ये दो शुभ योग आपके जीवन में नई ऊर्जा और आशीर्वाद ला सकते हैं। अनंत चतुर्दशी का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बहुत बड़ा है, क्योंकि इस दिन जरूरतमंदों को दान देना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। चाहे आप पहली बार अनंत चतुर्दशी मना रहे हों या वर्षों से इसकी परंपरा का हिस्सा हों, यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी रहेगी। तो चलिए जानते हैं इस दिव्य पूजा के शुभ मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि, जिससे आप इस पावन दिन का अनुभव पूरी श्रद्धा के साथ उठा सकें।
Table of Contents
- अनंत चतुर्दशी 2025: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
- अनंत चतुर्दशी पर बन रहे हैं विशेष मंगलकारी योग
- अनंत चतुर्दशी का महत्व और दान का फल
अनंत चतुर्दशी 2025: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी का त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पवित्र अवसर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। विश्व के पालनहार श्री हरि की पूजा और आस्था के साथ भक्तजन इस दिन कई धार्मिक विधानों का पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके और जरूरतमंदों को दान देकर जीवन की सभी परेशानियों और कष्टों से मुक्ति मिलती है, साथ ही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। अनंत चतुर्दशी जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और बाधाओं को दूर करने का शुभ अवसर है।
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अनंत चतुर्दशी 2025 का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष अनंत चतुर्दशी की चतुर्दशी तिथि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की है, जो 06 सितंबर 2025 को रात 03:12 बजे प्रारंभ होकर 07 सितंबर को रात 01:41 बजे समाप्त होगी। पूजा और धार्मिक रस्मों का संचालन इस तिथि के दौरान ही किया जाता है। ज्योतिषों के अनुसार, इस वर्ष 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का मुख्य पर्व बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त को धयान में रखते हुए पूजा-अर्चना करने से सभी कार्य सफल होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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अनंत चतुर्दशी पर बन रहे हैं शुभ योग
अनंत चतुर्दशी 2025 पर विशेष शुभ योग बन रहे हैं जो इस पर्व की महत्ता को और भी बढ़ाते हैं। भाद्रपद मास के चतुर्दशी तिथि पर सुकर्मा योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। सुकर्मा योग दिन में 11:52 बजे शुरू होगा, जिसे ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ माना गया है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से उनकी अधिक कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के मनोवांछित फल पूर्ण होते हैं। ऐसे शुभ योग अनंत चतुर्दशी की पूजा को और भी प्रभावशाली बना देते हैं।
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पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करना अनिवार्य होता है। स्वच्छ और पीले रंग के वस्त्र पहनें, जो भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। पूजा के लिए एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। चौकी पर जल से भरे हुए कलश को रखें। कलश में सुपारी, सिक्का, अक्षत (चावल), और पुष्प डालें। इसके ऊपर पांच आम के पत्ते सजाकर नारियल स्थापित करें। अब भगवान विष्णु का षोडशोपचार पूजन करें जिसमें पीले वस्त्र, फूल, माला, चंदन, अक्षत आदि अर्पित होते हैं। खीर का भोग भी भगवान को लगाएं। इसके बाद अनंत सूत्र (कलावा) को हल्दी और केसर से रंगकर भगवान के चरणों में अर्पित करें और फिर गले में धारण करें। इस दिन भगवान की कथा का श्रवण करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है, जो भक्तजन के मनोबल को बढ़ाता है।
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अनंत चतुर्दशी पर बन रहे हैं विशेष मंगलकारी योग
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु, जो इस ब्रह्माण्ड के पालनहार हैं, और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस वर्ष, 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का व्रत और पूजा की जाएगी। चतुर्दशी तिथि 06 सितंबर को रात 03:12 बजे से प्रारंभ होकर 07 सितंबर को रात 01:41 बजे तक रहने वाली है, जिससे इस दिन भक्तों के पास पूजा-अर्चना और व्रत करने के लिए पूरा समय उपलब्ध रहेगा। ऐसा मानना है कि इस दिन श्रद्धा से व्रत रखकर और दान-पुण्य करने से जीवन के दुख-दर्द और बाधाएं दूर होती हैं तथा सुख-समृद्धि का स्थायी आगमन होता है।
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अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 06 सितंबर के दिन मनाई जाएगी। चतुर्दशी की तिथि 06 सितंबर को सुबह नहीं बल्कि देर रात 03:12 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 07 सितंबर को रात 01:41 बजे खत्म होगी। इसका अर्थ यह है कि पूरे दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, व्रत और सभी धार्मिक क्रियाएं करने के लिए पर्याप्त शुभ समय उपलब्ध रहेगा। इस शुभ अवसर का लाभ उठाकर भक्त विधिपूर्वक अनंत चतुर्दशी का व्रत रख सकते हैं और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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अनंत चतुर्दशी पर बन रहे हैं विशेष मंगलकारी योग
यह वर्ष अनंत चतुर्दशी के दिन विशेष शुभ योगों का संयोग बना है, जो इस पर्व को और अधिक मंगलकारी बनाते हैं। 06 सितंबर को दिन में 11:52 बजे से सुकर्मा योग शुरू होगा, जिसे ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और साधक को अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही, रवि योग भी बन रहा है, जो सूर्य की तेजस्विता और कृपा को दर्शाता है। इन दोनों योगों के मिलने से अनंत चतुर्दशी का यह पर्व विशेष रूप से फलदायी और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन जाता है।
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अनंत चतुर्दशी का महत्व और पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु के अनंत और अनादि स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु को अनंत सूत्र अर्पित करते हैं, जो उनके अनंत प्रतिनिधित्व का पर्याय है। माना जाता है कि इस अनंत सूत्र को धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है और जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- सुबह जल्दी जाग कर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और गंगाजल से उनका अभिषेक करें।
- भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र, ताजा फूल और फल अर्पित करें।
- एक अनंत सूत्र (कलावा) बनाएं, जिसमें सात गांठें लगाईं जाती हैं। इसे हल्दी और केसर जैसे प्राकृतिक रंगों से रंगा जाता है।
- इस सूत्र को भगवान विष्णु को अर्पित करें और फिर इसे अपने दाहिने हाथ में बांध लें।
- जो व्रत रख रहे हैं, उन्हें अन्नदान करना चाहिए।
- गरीब एवं ज़रूरतमंदों को अन्न, धन या वस्त्र का दान अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
इस प्रकार, 06 सितंबर को आने वाली अनंत चतुर्दशी, विशेष शुभ योगों के साथ, भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति और जीवन में समृद्धि लाने का उत्तम अवसर है।
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अनंत चतुर्दशी का महत्व और दान का फल
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली अनंत चतुर्दशी, भगवान विष्णु एवं धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है। वर्ष 2025 में यह शुभ अवसर 06 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 06 सितंबर को रात्रि 03:12 बजे होगी और तिथि 07 सितंबर को सुबह 01:41 बजे समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर भक्त अपनी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं एवं जरूरतमंदों को अन्न, धन और वस्त्र दान करते हैं। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन किया गया दान व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट और संकट दूर करता है तथा उसे समृद्धि और खुशी प्रदान करता है।
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अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त और योग
06 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी अधिक पावन तथा फलदायी बनाते हैं। इस दिन सुकर्मा योग और रवि योग का संयोग होगा। सुकर्मा योग दिन में 11:52 बजे प्रारंभ होगा, जिसे ज्योतिषशास्त्र में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना से भक्तों को विशेष कृपा और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा, रवि योग सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का संकेत देता है, जो पूजा-पाठ और दान करने के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस शुभ योग काल में किए गए कर्म विशेष परिणाम देते हैं।
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अनंत चतुर्दशी पर दान का महत्व
अनंत चतुर्दशी का दिन दान और पुण्य कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किया गया दान अक्षय फल लेकर आता है। ऐसा कहा जाता है कि गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धनदान करने से भगवान विष्णु की विशेष प्रसन्नता प्राप्त होती है, जिससे घर में सदा सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। दान केवल दूसरों की सहायता करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह हमारे पापों के प्रायश्चित और आध्यात्मिक उन्नति का भी साधन होता है। अनंत चतुर्दशी का यह पर्व कर्म और उसके परिणामों की महत्ता को समझाता है कि जैसा कर्म करेंगे, वैसा फल अवश्य मिलेगा।
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अनंत चतुर्दशी 2025 के इस शुभ अवसर पर, 6 सितंबर को बनने वाले विशेष शुभ योगों का आपने लाभ उठाया, यह जानकर बहुत खुशी हुई। आशा है कि भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी और आपका भाग्य चमकेगा। आपकी रुचि और साथ के लिए हम आभारी हैं!
Sources
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अनंत चतुर्दशी 2023: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, अनंत चतुर्दशी 2023 की तारीख और…
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