संता सुख विष्णु गणेश पूजन की पहल करने वाले कई परिवारों के लिए यह एक बहुत ही शुभ और आशाजनक विधि साबित होती है। जब जीवन में संतान सुख की कामनाएं और कुल कल्याण की चिंता सताने लगे, तब विष्णु और गणेश जी की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह पूजा न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और आनंद को भी प्रोत्साहित करती है। विशेष रूप से, संतान योग एवं कुल कल्याण के लिए विष्णु गणेश पूजन एक ऐसी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है, और इसमें निहित शक्ति को लोग गहराई से मानते हैं। इस अनुष्ठान में सूर्य को जल चढ़ाने का भी महत्व है, जो सुख-शांति और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है। हम जानते हैं कि गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और उन्हें प्रसन्न करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, वहीं भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं, जो संतान योग को पूर्ण करने में सहायक होते हैं। 9/3/2025 जैसे शुभ अवसर पर इन देवताओं की उपासना करके आप अपने घर में खुशहाली, संतान सुख, और कुल की समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं। ऐसे अनुष्ठान से न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच भी सामंजस्य बढ़ता है। तो क्यों न हम इस शुभ परंपरा को अपनाएं और अपने जीवन में सुख-शांति की एक नई शुरुआत करें?
Table of Contents
- संतान योग एवं कुल-कल्याण के लिए विष्णु/गणेश पूजन की परंपरा
- सुख-शांति हेतु सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व
संतान योग एवं कुल-कल्याण के लिए विष्णु/गणेश पूजन की परंपरा
घर में संतान की प्राप्ति और पूरे परिवार के कल्याण के लिए भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा की एक प्राचीन और अत्यंत महत्त्वपूर्ण परंपरा चली आ रही है। यह विश्वास है कि इन दोनों देवताओं की कृपा से जीवन के सारे विघ्न दूर होते हैं एवं सुख-समृद्धि का वास होता है। खासकर जब संतान प्राप्ति में किसी भी प्रकार की बाधा हो या परिवार में संकट छाया हो, तो इन जगत्पालकों का पूजन अत्यंत फलदायी साबित होता है।
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विष्णु पूजन का महत्व
भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है, जिनकी पूजा से जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और संतुलन बना रहता है। संतान योग की प्राप्ति के लिए विष्णु जी की आराधना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संरक्षक शक्ति के स्रोत हैं। विष्णु सहस्त्रनाम का नियमित पाठ और तुलसी के अक्षत अर्पित करना शुभ फलदायी माना जाता है। विशेषकर 9/3/2025 के आस-पास यदि आप अपने घर में सुख-शांति और संतान की प्राप्ति की कामना रखते हैं, तो विष्णु पूजन जरूर करें।
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गणेश पूजन की विधि
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो हर कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं और काम सफल बनाते हैं। संतान प्राप्ति और कुल के कल्याण के लिए गणेश जी की पूजा अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वे सुख, समृद्धि और बुद्धि के दाता हैं। गणेश पूजन में दूर्वा घास और मोदक का विशेष महत्व होता है, जो उनकी प्रसन्नता का प्रतीक हैं। गणेश जी की भक्ति से न केवल रूके कार्य पूरे होते हैं, बल्कि सौभाग्य का विकास भी होता है।
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सूर्य को जल चढ़ाने का विधान
संतान योग और कुल के कल्याण में केवल देवताओं का पूजन ही नहीं, बल्कि प्रकृति की शक्तियों का भी सम्मान जरूरी है। सूर्य देव को जीवन ऊर्जा और स्वास्थ्य का स्रोत माना गया है। प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और नवग्रहों की अनुकूलता बनी रहती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य का विकास होता है। यदि आप 9/3/2025 से सूर्य को नियमित जल चढ़ाना शुरू करते हैं, तो निश्चित ही लाभ मिलेगा।
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समग्र अनुष्ठान
संतान योग और कुल-कल्याण की कामना रखते हुए भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा के साथ सूर्य को जल अर्पित करना एक संपूर्ण और प्रभावशाली अनुष्ठान है। यह परंपरा हमें यह भी सिखाती है कि आध्यात्मिक साधना के साथ प्रकृति के तत्वों का सम्मान करना भी आवश्यक है। इन सरल और प्राचीन विधियों से आप अपने परिवार में सुख, समृद्धि और संतान प्राप्ति के मार्ग को खोल सकते हैं और जीवन में सुखद परिवर्तन देख सकते हैं।
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सुख-शांति हेतु सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व
सूर्य देव को जल चढ़ाना भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन एवं महत्वपूर्ण परंपरा है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है। प्रातःकाल सूर्योदय के समय, तांबे के लोटे से जल अर्पित करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का प्रवाह होता है। यह अनुष्ठान सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करता है, जिससे हमारे जीवन और वातावरण में सकारात्मकता की वृद्धि होती है। सूर्य को जल चढ़ाने का यह धार्मिक उपाय हमारे जीवन को नई ऊर्जा और सौंदर्य से भर देता है।
सूर्य को जल चढ़ाने की विधि और महत्व
सूर्य देव को जल अर्पित करने का सबसे उत्तम समय सूर्योदय होता है। इस अनुष्ठान के लिए तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें कुछ चावल, लाल फूल और लाल चंदन मिलाएं। सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए, सूर्य की पहली किरणों की ओर मुख करके, धीरे-धीरे जल अर्पित करें। इस दौरान जल की धारा को सूर्य की किरणों के माध्यम से देखना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से सूर्य की दिव्य ऊर्जा सीधे व्यक्ति तक पहुंचती है।
- स्वास्थ्य लाभ: सूर्य की किरणें विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में सहायता करती हैं। सुबह सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मानसिक शांति: सूर्य देव को जल चढ़ाने से मन को शांति और एकाग्रता मिलती है। यह तनाव और चिंता को कम कर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: सूर्य आत्म-विश्वास, नेतृत्व क्षमता एवं ऊर्जा के प्रतीक हैं। नियमित अनुष्ठान से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और सफलता के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
- पितृ दोष निवारण: अनेक परंपराओं में सूर्य को जल अर्पित करने से पितृ दोष दूर होता है तथा पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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घर में संतान योग और कुल-कल्याण हेतु उपाय
9/3/2025 के पंचांग के अनुसार, घर में संतान की प्राप्ति और कुल के कल्याण के लिए भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा के साथ-साथ सूर्य को जल चढ़ाना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस उपाय से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वंश वृद्धि आसान होती है। यह धार्मिक प्रक्रिया घर के वातावरण को शुद्ध और सौहार्दपूर्ण बनाती है।
- विष्णु पूजन: भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। उनकी आराधना से घर में सुख-समृद्धि और स्थिरता आती है।
- गणेश पूजन: सभी शुभ कार्यों की शुरुआत भगवान गणेश के पूजन से होती है, जो विघ्नों को दूर करते हैं और कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं।
- सूर्य को जल अर्पण: जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, सूर्य को जल चढ़ाने से पिता का आशीर्वाद, बेहतर स्वास्थ्य और यश की प्राप्ति होती है, जो कुल के कल्याण में सहायक है।
विष्णु/गणेश पूजा और सूर्य को जल अर्पित करने का यह समन्वय घर में सकारात्मक वातावरण बनाता है, जो संतान प्राप्ति और कुल-कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
Source: ज्योतिष – Amar Ujala
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हमें उम्मीद है कि 9/3/2025 को होने वाले इस खास विष्णु गणेश पूजन के बारे में पढ़कर आपको जानकारी मिली होगी। संतान सुख और कुल कल्याण के लिए यह पूजन अत्यंत लाभकारी है। इन सरल उपायों से आप अपने परिवार में खुशहाली ला सकते हैं। आपके समर्थन के लिए धन्यवाद!
Sources
[Source 1] – Religion Latest News In Hindi – Amarujala.com
[Source 2] – ज्योतिष – Amar Ujala
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