पितृ पक्ष 2025 का समय हर एक हिंदू परिवार के लिए बेहद खास होता है। यह वह मौका है जब हम अपने पितरों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति व समृद्धि की आशा करते हैं। पितृ पक्ष 2025 इस बार 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा, और इस दौरान कई महत्वपूर्ण अनुष्ठान होते हैं जिनसे पितृ प्रसन्न होते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि घर में कुछ खास पौधे लगाने से भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है? तुलसी, पीपल और बरगद जैसे पौधे न केवल घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं बल्कि पुराने दोषों को भी दूर करने का काम करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान यह छोटे-छोटे कदम आपके घर में खुशहाली और सामंजस्य लाने में मदद कर सकते हैं। अगर आप भी अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि और पुण्य की कामना रखते हैं, तो इस पावन समय में उचित उपाय करना बेहद महत्वपूर्ण है। तो आइए, इस पितृ पक्ष 2025 में जानें वह तीन अचूक पौधे और उनसे जुड़ी मान्यताएं जो आपके घर के वातावरण को बदल सकती हैं और आपके पितरों के आशीर्वाद को सुनिश्चित कर सकती हैं। इस यात्रा में आपके साथ हूं, चलिए इस खास पर्व की गहराइयों में उतरते हैं।
Table of Contents
- पितृ पक्ष 2025: तिथि और महत्व
- पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
- पितृ पक्ष 2025: इन तीन शुभ पौधों से घर में आएगी सुख-समृद्धि
- पौधे लगाने से घर के दोष होंगे दूर
पितृ पक्ष 2025: तिथि और महत्व
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वह पवित्र समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होकर अश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। वर्ष 2025 में, पितृ पक्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहेगा। यह 15 दिनों का पखवाड़ा होता है जिसमें हम अपने पितरों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान परिवार के सदस्य विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं जैसे श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण। इन विधियों के माध्यम से पितृओं को जल और अन्न अर्पित कर उनकी आत्मा की तृप्ति की जाती है। मान्यता है कि इस समय तुलसी, पीपल और बरगद जैसे विशेष पौधे घर में लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार पर सुख-समृद्धि की वर्षा करते हैं। पितृ पक्ष में तर्पण से पितृ प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर-परिवार में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
पितृ पक्ष 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां
- पूर्णिमा श्राद्ध: 7 सितंबर 2025
- प्रतिपदा श्राद्ध: 8 सितंबर 2025
- द्वितीया श्राद्ध: 9 सितंबर 2025
- तृतीया श्राद्ध: 10 सितंबर 2025
- चतुर्थी श्राद्ध: 11 सितंबर 2025
- पंचमी श्राद्ध: 12 सितंबर 2025
- षष्ठी श्राद्ध: 13 सितंबर 2025
- सप्तमी श्राद्ध: 14 सितंबर 2025
- महा अष्टमी (दुर्गा अष्टमी): 15 सितंबर 2025 (इस दिन विशेष पूजा होती है)
- नवमी श्राद्ध: 16 सितंबर 2025
- दशमी श्राद्ध: 17 सितंबर 2025
- एकादशी श्राद्ध: 18 सितंबर 2025
- द्वादशी श्राद्ध: 19 सितंबर 2025
- त्रयोदशी श्राद्ध: 20 सितंबर 2025
- चतुर्दशी श्राद्ध: 21 सितंबर 2025 (अनंत चतुर्दशी)
- सर्वपितृ अमावस्या (महालय अमावस्या): 21 सितंबर 2025 (पितृ पक्ष का अंतिम दिन)
इस पखवाड़े के दौरान किए गए कर्मकांडों का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में किए गए दान और पुण्य के फल पूर्वजों को प्राप्त होते हैं। वे अपने वंशजों को दीर्घायु, स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या के दिन होता है, जब उन पितृओं का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि ज्ञात नहीं होती।
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पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का पावन समय है। इस अवधि में किए गए श्राद्ध कर्मों से पितृगण प्रसन्न होते हैं और वे अपने वंशजों को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और लंबी आयु का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह समय पूर्वजो के ऋण से मुक्त होने और उनके साथ आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
पितृ पक्ष में किए जाने वाले विशेष कर्म
- श्राद्ध: पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों की तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म करना अत्यंत आवश्यक है।
- पिंडदान: पितृओं को चावल, जौ, तिल आदि के मिश्रण से बने पिंड अर्पित करना।
- तर्पण: पितृओं को जल और तिल अर्पित कर तर्पण करना।
- ब्राह्मण भोजन: योग्य ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ फलदायक माना जाता है।
- दान-पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना।
- पितृ गायत्री मंत्र का जाप: पूर्वजों के कल्याण हेतु मंत्र जाप भी विशेष फलदायक होता है।
- गांव, कुत्ता, कौआ, और चींटी को भोजन देना: इन्हें अन्न देना भी पितृ हर्षित करने वाला कार्य है।
पितृ पक्ष के समय तुलसी, पीपल और बरगद जैसे पवित्र पौधे घर में लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह भी माना जाता है कि इससे पूर्वजों का आशीर्वाद घर-परिवार पर बना रहता है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
इस प्रकार, पितृ पक्ष 2025 (7 सितंबर से 21 सितंबर) अपने पूर्वजों को सम्मान देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का अनमोल अवसर है।
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पितृ पक्ष 2025 में पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
यदि आप पितृ पक्ष के पावन अवसर पर अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के तरीकों की तलाश में हैं, तो यह समय 7 सितंबर से 21 सितंबर 2025 तक होगा। यह अवधि हमारे पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित होती है। पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंड दान और तर्पण जैसे अनुष्ठान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही, इस अवसर पर कुछ विशेष पौधे अपने घर में लगाना भी शुभ फलदायक होता है, जिससे न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है बल्कि परिवार में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। आइए जानते हैं इन विशेष परंपराओं और उपायों के बारे में।
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पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
पितृ पक्ष हमारे पूर्वजों को समर्पित एक पवित्र अवधी है, जो उनके नाम पर न केवल उनकी आत्मा की शांति के लिए बल्कि उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। 7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर 2025 तक यह शुभ काल चलता है, जब परिवार विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान करके अपने पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं। इस दौरान किए गए कर्म सदैव पितरों के लिए प्रिय होते हैं और यह घर-परिवार में सुख-शांति व समृद्धि लाने में सहायक होते हैं।
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घर में लगाएं ये विशेष पौधे
पितृ पक्ष में कुछ विशेष पौधे घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इन पौधों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। ये पौधे न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, बल्कि घर के वातावरण को भी पवित्र और सौम्य बनाते हैं। आइए जानते हैं किन पौधों को इस पावन समय में लगाना चाहिए:
- तुलसी का पौधा: तुलसी को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे भगवान विष्णु का प्रिय पौधा माना जाता है। पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा घर में लगाना और उसकी नियमित पूजा करना पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।
- पीपल का पेड़: पीपल के पेड़ को पितरों का आवास स्थल माना जाता है। इस समय पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना और उसकी परिक्रमा करना शुभ फलदायक होता है, जिससे पितरों के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
- पारिजात का पेड़: पारिजात के फूल अपनी सुवासित खुशबू के कारण पूजा में विशेष स्थान रखते हैं। घर में पारिजात का पौधा लगाने से पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है और उनके आशीर्वाद से परिवार में समृद्धि आती है।
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पितृ पक्ष 2025: इन तीन शुभ पौधों से घर में आएगी सुख-समृद्धि
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह वह पवित्र अवसर होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उनसे आशीर्वाद ग्रहण करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर 2025 तक रहेगा। यह 15 दिनों की अवधि हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का एक अनमोल अवसर है। इस समय हम अपने वंशजों की खुशहाली के लिए विशेष उपाय तथा पूजा-पाठ करते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान लोग श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण जैसे पवित्र अनुष्ठान कर अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इन धार्मिक कर्मों के साथ-साथ, कुछ विशेष पौधे भी घर में लगाने की परंपरा है जिनसे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में ये पौधे लगाने से घर में सुख-शांति एवं समृद्धि का आगमन होता है और घर की शोभा भी बढ़ती है।
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पितृ पक्ष में घर लाएं ये 3 शुभ पौधे:
- तुलसी का पौधा: तुलसी हिंदू धर्म में अत्यन्त पवित्र माना जाता है और इसे ‘वृंदा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान विष्णु की प्रिय पौधा है। तुलसी का पौधा घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और वास्तु दोष दूर होते हैं। पितृ पक्ष में तुलसी को घर के आंगन या बालकनी में लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, वे प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों पर आशीर्वाद की वर्षा करते हैं। इसके अलावा तुलसी के नियमित सेवन से स्वास्थ्य लाभ भी होता है।
- पीपल का पौधा: पीपल का वृक्ष देव वृक्ष कहलाता है जिसमें सभी देवी-देवताओं का वास होता है। शास्त्रों के अनुसार, पितरों का भी वास पीपल के वृक्ष में माना गया है। पितृ पक्ष के दौरान यदि पीपल का पौधा घर में या किसी पवित्र स्थान पर लगाया जाए तो यह अत्यंत शुभ होता है। इससे पितृ दोष शांत होता है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, पीपल की पूजा से शनि देव की कृपा भी प्राप्त होती है।
- नीम का पौधा: नीम के पेड़ को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह वातावरण को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीम का पौधा घर में लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को बुरी नजर से बचाते हैं। नीम की पत्तियां, फल और छाल का धार्मिक और औषधीय उपयोग बहुत प्राचीन है। पितृ पक्ष में नीम का पौधा लगाना पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सर्वोत्तम उपाय माना गया है।
पितृ पक्ष के दौरान इन पौधों को अपने घर में लगाकर उनकी सेवा करना एक सरल और प्रभावी तरीका है अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने का। ये पौधे न केवल घर को हरा-भरा बनाएंगे बल्कि परिवार के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाएंगे। इसलिए इस पवित्र 7 सितंबर से 21 सितंबर 2025 तक चलने वाले पितृ पक्ष में इन शुभ पौधों को घर में अवश्य स्थान दें।
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पौधे लगाने से घर के दोष होंगे दूर
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है, जिसे पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए समर्पित समय माना जाता है। इस वर्ष, पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर 2025 तक रहेगा। इस पावन पर्व के दौरान लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने हेतु श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण जैसे अनुष्ठानों का पालन करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह भी मान्यता है कि इस खास समय में घर में कुछ विशेष पौधे लगाने से पितरों की संतुष्टि होती है और इससे घर में सुख-शांति एवं समृद्धि बनी रहती है। पौधे लगाना न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और घर के दोषों को कम करने का एक प्रभावशाली उपाय भी माना जाता है।
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हमें उम्मीद है कि पितृ पक्ष 2025 के बारे में यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। इन विशेष पौधों की मदद से आप न केवल घर के दोष दूर कर सकते हैं, बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं। पितृ पक्ष में इन उपायों को अपनाकर अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।
Sources
[Religion Latest News In Hindi – Amarujala.com] – Religion Latest News In Hindi – Amarujala.com
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